पुरुष सूक्तम् (Purusha Sooktam)

पुरुषसूक्त की वर्णव्यवस्था

ऋग्वेद संहिता के दशम मण्डल, सूक्त ९०, ऋचा १२ तथा यजुर्वेद के ३१वें अध्याय के ११वें मन्त्र में कहा गया है कि – ब्रा॒ह्म॒णो॑ऽस्य॒ मुख॑मासीद्बा॒हू रा॑ज॒न्य॑: कृ॒तः । ऊ॒रू तद॑स्य॒ यद्वैश्य॑: प॒द्भ्यां शू॒द्रो अ॑जायत ॥ -ऋग्वेद संहिता १०-९०-१२ उस परम्ब्रह्म का मुख ब्राह्मण था, बाहु के कारण क्षत्रिय बने, उसकी जंघाएं वैश्य हुए तथा पैरों […]

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देवता कौन हैं?

Basudeba Mishra पुरुषसूक्तमें आए यज्ञेनयज्ञमयजन्त देवा: के अर्थ के सम्बन्धमें अनेक भ्रान्तियाँ हैं । वह कौनसा यज्ञ था । देवता कौन हैं । वे यज्ञ द्वारा कैसे यज्ञ का यजन किए । उसका परिणाम क्या हुआ । इसीमें बहुत सारे वैज्ञानिक तथ्य छिपे हुए हैं । यहाँ यज्ञ का अर्थ अग्नि मेँ घृताहुति नहीं है

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