शिक्षा – वासुदेव मिश्रशर्म्मा
शिक्षा । वासुदेव मिश्रशर्म्मा अध्ययन (अधि+इङ्) का ग्रहण, धारण तथा ब्रह्मयज्ञ के भेद से तीन विभाग किया गया है । गुरुमुख से उच्चारित शब्द का ग्रहण (कण्ठस्थ करना) और स्मृति में उसका धारण (याद रखना) करने के पश्चात उसका पारायण (मनन करना) को ब्रह्मयज्ञ कहते हैँ । वेदाङ्गों में उच्चारणपद्धति का ज्ञान सम्बन्धी उपदेश को […]
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