भाषा की सृष्टि तथा विभाग ।

भाषा की सृष्टि तथा विभाग । श्रीमद्वासुदेव मिश्रशर्म्मा वाचं देवा उपजीवन्ति विश्वे वाचं गन्धर्वाः पशवो मनुष्याः । तैत्तिरीयब्राह्मणम् ।देव, गन्धर्व, पशु तथा मनुष्य वाक् (वचँ परि॒भाष॑णे – communication) के द्वारा ही जीवनके समीपतम प्रयोजन पूर्ण करने में समर्थ होते हैं । यहाँ देवा (देवनमिह क्रीडा यथा बालः कन्दुकैर्नित्यमिति हलायुधः – त्रयस्त्रीगंशत् तु एव देवा –

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Relativity & Thermodynamics – a Vedic analysis

RELATIVITY & THERMODYNAMICS – A VEDIC ANALYSIS. -Shri Basudeba Mishra Sharma What is mass (परिमाणम् – परिमितव्यवहार असाधारणकारणम् – unique measurable properties of an object)? The definition that it is the measure of the amount of matter (वस्तु) in a body is vague. It simply substitutes the word matter for mass, without clarifying what is

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आरण्यकम् Aranyakam

आरण्यकम् । -श्रीमद्वासुदेव मिश्रशर्म्मा। ग्रामे॒ मन॑सा स्वाध्या॒यमधी॑यीत॒ दिवा॒ नक्त॑व्वेँ॒ति ह॑स्मा॒ह शौ॒च आह्ने॒य उ॒तार॑ण्ये॒बल॑ उ॒त वा॒चोत तिष्ठ॑न्नु॒त व्रज॑न्नु॒तासी॑न उ॒त शया॑नो॒ऽधीयी॑तै॒व स्वाध्या॒यन्तप॑स्वी॒ पुण्यो॑ भवति॒ । तैत्तिरीयारण्यकम् २.१२ ।। अरण्याध्ययनादेतदारण्यकमितीर्यते ।अरण्ये तदधीयीतेत्येवं वाक्यं प्रवक्ष्यते ।। वैदिक यज्ञों के अन्तरतम अर्थवत्ता, वास्तविक वैज्ञानिक रहस्यों के सन्धान के लिए जिस शास्त्र का प्रकाश हुआ, उसे आरण्यक कहते हैँ । समूह

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