शब्दब्रह्म और परम्ब्रह्म ।

शब्दब्रह्म और परम्ब्रह्म । -श्रीमद्वासुदेव मिश्रशर्म्मा मैत्रायणी उपनिषद 6-22 में कहा गया है –द्वे ब्रह्मणी वेदितव्ये शब्दब्रह्म परं च यत् ।शब्दे ब्रह्मणि निष्णातः परं ब्रह्माधिगच्छति । अमृतविन्दु उपनिषद् 1-17 में भी कहा गया है –द्वे विद्ये वेदितव्ये तु शब्दब्रह्म परं च यत् ।शब्दब्रह्मणि निष्णातः परं ब्रह्माधिगच्छति ॥ ब्रह्म का दो भेद जानने योग्य है – […]

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वेदः Veda

वेदः । –श्रीमद्वासुदेव मिश्रशर्म्मा। जिसमें समस्त शाश्वत ज्ञान निहित है (विदँ ज्ञाने॑), अथवा जिसमें समस्त सत्तावानवस्तु के विज्ञान है (वि॒दँ॒ सत्ता॑याम्), अथवा उसका विवेचना किया गया है (वि॒दँ॒ वि॒चार॑णे), अथवा जिसका विवेचना करने से हम इच्छितवस्तु को सुगमता से प्राप्त कर सकते हैँ (विदॢँ॑ ला॒भे),अथवा जिसमें जाननेयोग्य सबकुछ है (विदँ॒ चेतनाख्याननिवा॒सेषु॑), उसे वेद कहते हैँ

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सर्ग विज्ञान

पुराणों में कहीं दश या नौ सर्गों में सृष्टि का वर्णन किया गया है। श्रीमद्भागवतम् के तृतीय स्कन्ध के आधार पर यहाँ दशविध सर्ग विज्ञान उद्घाटित किया गया है।

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अन्नसम्बन्ध (स्वधा, स्वाहा, वौषट्, स्वगा, नमः) कासार्वभौम परिभाषा। – 3. CORRELATING MICRO & MACROFUNDAMENTAL INTERACTIONS – 3.

श्री वासुदेव मिश्रशर्म्मा अन्नसम्बन्ध (स्वधा, स्वाहा, वौषट्, स्वगा, नमः) कासार्वभौम परिभाषा। – 3.CORRELATING MICRO & MACROFUNDAMENTAL INTERACTIONS – 3. एकत्रासनसंस्थितिः परिहृता प्रत्युद्गमाद्दूरतःताम्बुलाहरणच्छलेन रभसाश्लेषोऽपि संविघ्नितः ।आलापोऽपि न मिश्रितः परिजनं व्यापारयन्त्यान्तिकेकान्तं प्रत्युपचारतश्चतुरया कोपः कृतार्थीकृतः ॥ अमरुशतकम् ॥(सम्प्रसादगति – Macro Weak interaction – equivalent to beta decay explained using poetry).आज दुनिया भर के वैज्ञानिक जिस GRAND UNIFIED THEORY

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