वेदों का अपव्याख्यान – “कः” का अर्थ ।
वेदों का अपव्याख्यान – “कः” का अर्थ – श्रीवासुदेवमिश्र शर्म्मा।
इस जगत् प्रपञ्च के उत्पत्ति से पूर्व सर्वप्रथम प्रजापति हिरण्यगर्भ ही विद्यमान थे (मायाध्यक्षात् सिसृक्षोः परमात्मनः समजायत)। वही एक अद्वितीय (वह जगत के धारण, सृजन तथा पालन में अन्यनिरपेक्ष) समग्र उत्पन्न भूतमय जगत् का स्रष्टा (प्रदीप्त दृश्यप्रपञ्चका गर्भ अथवा उत्पत्ति-स्थान) तथा पालक हैं।
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