न तस्य प्रतिमाऽअस्ति ।
न तस्य प्रतिमाऽअस्ति ।
जाकिर नायक जैसे पाखण्डी तथा कुछ आर्यसमाजी इस वेदमन्त्र का कदर्थ करते हुए, इसे मूर्तिपूजा का विरोधी प्रचार कर रहे हैँ । वह लोग इस मन्त्र का आंशिक वर्णन कर रहे हैँ तथा तस्य का अर्थ ब्रह्म कह रहे हैँ । जाकिर नायक इसे अल्लाह मान कर बूतपरस्ती के विरुद्ध कह रहा है । उन्हे न शास्त्र का ज्ञान है न मूर्तितत्त्व का ।
न तस्य प्रतिमाऽअस्ति । Read More »