ज्योतिष, कर्मकाण्ड, तन्त्र, आयुर्वेद
पण्डित गङ्गाधर पाठक ज्योतिषं कर्मकाण्डं वा चेन्नार्हन्ति भिषग्वरा:। कृतान्तादप्यतिक्रूरा धनधर्मासुहारिण:।। बड़े नाम गाम वाले श्रेष्ठ चिकित्सक भी विविध रोगानुसार रोगियों के लिए ज्योतिष एवं कर्मकाण्डादि का सम्मानोपयोग नहीं करते तो वे अतिक्रूर धन, धर्म और प्राणों का अपहरण करने में यमराज से भी दो कदम आगे हैं। चरकसंहिताचिकित्सितस्थान में लिखा है- “अन्नाभिलाषमरोचकाविपाकपरीतं पितृभिरुन्मत्तं विद्यात्” जिसे […]
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