Author name: Dwaipayan Pradhan

भारतीय दर्शन

भारत के 6 आस्तिक (वैदिक) दर्शन और 6 मुख्य नास्तिक (अवैदिक) दर्शन माना गया है। कुछ लोग 3 आस्तिक (वैदिक) दर्शन और 3 नास्तिक (अवैदिक) दर्शन मानते हैं। 6 आस्तिक (वैदिक) दर्शन हैं – सांख्य, पूर्वमीमांसा, उत्तरमीमांसा, न्याय, वैशेषिक, योग। सृष्टि का आध्यात्मिक विवेचना (अव्यय का निरूपण) करनेवाला शास्त्र सांख्य है। विभिन्न ब्राह्मणम् ग्रन्थोंमें पायेजानेवाला […]

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Interpreting Vedanta sootras

A friend wanted a proper interpretation of the fifth सूत्र of ब्रह्मसूत्रम्. Since ALL COMMENTARIES in it are not correct, the proper interpretation is given below. The fifth सूत्र of ब्रह्मसूत्रम् introduces माया through the word ईक्षतेः. In all branches of the Vedas, the word ईक्षत refers to the creation event. For example, गोपथब्राह्मणम् says:

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What is Vaisheshika वैशेषिक क्या है?

वैशेषिक का ज्ञाता आज के समय में कोइ नहीं है। इसके विषय में बहुत ही भ्रान्त धारणायें है। रावणकृत कटन्दी, भरद्वाजवृत्ति तथा अत्रिभाष्य लुप्त हो चुका है। परम्परा से प्राप्त यत्किञ्चित् सामान्य अवधारणा है, उसीसे यहाँ उस भ्रान्ति का निराकरण किया जा रहा है। वैशेषिक क्षर का निरूपण करता है, जो विश्व का समवायी कारण (material cause or constituent) है।

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